बकरी पालन (Bakri Palan) भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण आजीविका का साधन है, जो लाखों किसानों और भूमिहीन मजदूरों को आय और रोजगार प्रदान करता है। यह न केवल एक लाभदायक व्यवसाय है बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए पोषण और आर्थिक स्थिरता का स्रोत भी है। बकरी पालन में घरेलू बकरियों का पालन-पोषण और प्रजनन शामिल है, जिससे दूध, मांस, खाल, और खाद जैसे उत्पाद प्राप्त होते हैं। हालांकि, इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए प्रारंभिक धनराशि की आवश्यकता होती है, जिसे सरकारी योजनाओं और बैंक ऋणों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। 2025 में, सरकार और वित्तीय संस्थान इस क्षेत्र को और अधिक प्रोत्साहित कर रहे हैं, विशेष रूप से SBI द्वारा 7% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर ऋण की पेशकश के साथ।

बकरी पालन के लाभ
बकरी पालन कई कारणों से किसानों के लिए आकर्षक है:
- बकरियां कृषि अपशिष्ट और बचे हुए फसलों पर पनप सकती हैं, जिससे रखरखाव कम होता है।
- दूध, मांस, खाल, और खाद की अच्छी मांग है, जिससे उच्च रिटर्न मिलते हैं।
- अन्य पशुओं की तुलना में बकरियां कम बीमारियों से प्रभावित होती हैं, जिससे रोग प्रबंधन आसान हो जाता है।
- बकरियों को विस्तृत आवास की आवश्यकता नहीं होती, जिससे स्थान दक्षता बढ़ती है।
- सरकार सब्सिडी और ऋण प्रदान करती है, जिससे प्रारंभिक निवेश कम हो जाता है।
बकरी पालन ऋण कैसे लें?
बकरी पालन शुरू करने के लिए भूमि खरीदने, शेड बनाने, बकरियां खरीदने, और चारा खरीदने जैसे खर्चों के लिए धन की आवश्यकता होती है। ऋण इस प्रारंभिक पूंजी की आपूर्ति करने में मदद करते हैं, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए जिनके पास पर्याप्त धनराशि नहीं होती। सरकार और वित्तीय संस्थान इस व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न ऋण योजनाएं और सब्सिडी प्रदान करते हैं, जैसे नाबार्ड के माध्यम से 33% सब्सिडी SC/ST और गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए।
ऋण की विशेषताएं
- उद्देश्य: बकरियों की खरीद, शेड निर्माण, चारा खरीद आदि।
- प्रकार: टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल।
- ऋण राशि: नाबार्ड दिशानिर्देशों के अनुसार प्रोजेक्ट की व्यवहार्यता पर निर्भर, व्यक्ति के लिए ₹5 लाख तक और संस्थानों के लिए ₹50 लाख तक।
- मार्जिन: ₹1.60 लाख तक – शून्य; उससे अधिक – न्यूनतम 10%।
- सुरक्षा: ₹1.60 लाख तक – बैंक वित्त से सृजित संपत्ति का हाइपोथेकेशन; अधिक ऋण के लिए – भूमि का मॉर्गेज या तीसरे पक्ष की गारंटी।
- पुनर्भुगतान: अधिकतम 7 वर्ष (1 वर्ष मोरेटोरियम पीरियड)।
ऋण के लाभ
- ऋण शुरुआती पूंजी प्रदान करते हैं, जिससे व्यवसाय शुरू करना आसान हो जाता है।
- कई बैंक पशुधन बीमा भी ऑफर करते हैं, जो अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है।
- दीर्घकालिक पुनर्भुगतान अवधि, जिससे किसान आसानी से भुगतान कर सकते हैं।
पात्रता मानदंड
- चयनित नस्ल क्षेत्र के लिए उपयुक्त होनी चाहिए और आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए।
- पर्याप्त चराई सुविधाएं और आवास उपलब्ध होने चाहिए।
- अच्छी गुणवत्ता का पेयजल उपलब्ध होना चाहिए।
- पशु चिकित्सा सहायता आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए।
- बकरी उत्पादों के लिए अच्छी मांग और मार्केटिंग सुविधाएं होनी चाहिए।
- किसान को सहकारी समिति का सदस्य होना वांछनीय है।
आवश्यक दस्तावेज
| दस्तावेज | विवरण |
|---|---|
| मूल भूमि रजिस्ट्री कागजात | भूमि स्वामित्व का प्रमाण। |
| आधार कार्ड | पहचान और पता प्रमाण। |
| 6 महीने पुराना बैंक अकाउंट | वित्तीय इतिहास। |
| जाति प्रमाण पत्र (यदि एससी/एसटी/ओबीसी) | श्रेणी प्रमाण। |
| डोमिसिल सर्टिफिकेट | स्थायी निवास प्रमाण। |
| 4 पासपोर्ट साइज फोटो | आवेदक की फोटो। |
| बकरी पालन प्रोजेक्ट रिपोर्ट | व्यवसाय योजना। |
| आवासीय प्रमाण | राशन कार्ड/वोटर आईडी/आधार। |
| पहचान प्रमाण | आधार/ड्राइविंग लाइसेंस/पैन। |
| सहायक दस्तावेज (यदि लागू हो) | भूमि रजिस्ट्रेशन, भुगतान रसीद, बीपीएल कार्ड। |
ऋण कहां से मिलेगा?
| बैंक/संस्थान | विवरण |
|---|---|
| SBI | – ब्याज दर: 7% प्रति वर्ष (सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार)। – ऋण राशि: व्यवसाय की आवश्यकता पर निर्भर। – सुरक्षा: भूमि के कागजात। |
| नाबार्ड | – सब्सिडी: एससी/एसटी – 33%; अन्य – 25% (₹2.5 लाख तक)। – ऋण राशि: विभिन्न बैंकों के माध्यम से। – पुनर्भुगतान: 15 वर्ष तक। |
| Canara Bank | – लचीला भुगतान योजना। – ऋण राशि: व्यवसाय की आवश्यकता पर निर्भर। |
| IDBI Bank | – ऋण राशि: ₹50,000 से ₹50 लाख तक। – योजना: “कृषि वित्त बकरी पालन”। |
| IIFL Finance | – ब्याज दर: कम। – ऋण राशि: व्यवसाय की आवश्यकता पर निर्भर। |
सामान्य आवेदन प्रक्रिया
- बैंक/नाबार्ड कार्यालय का दौरा: किसी स्थानीय कृषि बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB), सहकारी बैंक, या नाबार्ड से संबद्ध वाणिज्यिक बैंक में जाएं।
- आवेदन फॉर्म प्राप्त करें: योजना-विशिष्ट फॉर्म बैंक से लें या नाबार्ड की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड करें। कुछ योजनाओं के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी उपलब्ध है।
- फॉर्म सटीकता से भरें:
- व्यक्तिगत विवरण: नाम, पता, आधार नंबर, पैन नंबर, और संपर्क जानकारी।
- परियोजना विवरण: योजना का प्रकार (जैसे डेयरी, खेती, खाद्य प्रसंस्करण), प्रोजेक्ट का आकार, और अपेक्षित लागत।
- वित्तीय जानकारी: आय स्रोत, मौजूदा ऋण (यदि कोई), और बैंक खाता विवरण।
- फॉर्म पर हस्ताक्षर करें।
- आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें:
- पहचान और पता प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, या पासपोर्ट।
- आय प्रमाण: आयकर रिटर्न, बैंक स्टेटमेंट, या आय प्रमाण पत्र।
- भूमि दस्तावेज: स्वामित्व प्रमाण या लीज समझौता (यदि लागू)।
- बिजनेस प्लान: विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) जिसमें लागत, आय अनुमान, और परियोजना की व्यवहार्यता शामिल हो।
- अन्य: योजना-विशिष्ट दस्तावेज, जैसे डेयरी के लिए पशु स्वामित्व प्रमाण।
- आवेदन जमा करें: भरे हुए फॉर्म और दस्तावेजों को बैंक या नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में जमा करें। कुछ योजनाओं में ऑनलाइन जमा का विकल्प भी हो सकता है (नाबार्ड पोर्टल के माध्यम से)।
- पोर्टल पंजीकरण (यदि आवश्यक):
- नाबार्ड के ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं।
- नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, और पिन कोड दर्ज करें।
- पंजीकरण के बाद, यूजर आईडी और पासवर्ड ईमेल या एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होगा।
- आवेदन शुल्क जमा करें: योजना के आधार पर निर्धारित शुल्क (₹100 से ₹1000 तक, योजना पर निर्भर) बैंक या ऑनलाइन भुगतान करें।
- तकनीकी और क्षेत्रीय जांच:
- नाबार्ड/बैंक का तकनीकी अधिकारी दस्तावेजों की समीक्षा करेगा।
- प्रोजेक्ट की व्यवहार्यता जांचने के लिए साइट का दौरा (जैसे खेत, डेयरी यूनिट) हो सकता है।
- इस प्रक्रिया में 7-14 दिन लग सकते हैं।
- ऋण स्वीकृति और वितरण:
- मंजूरी के बाद, बैंक योजना की शर्तों के आधार पर सब्सिडी या ऋण स्वीकृत करेगा।
- ऋण राशि 7-15 कार्यदिवसों में आपके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
- सब्सिडी (यदि लागू) “सब्सिडी रिजर्व फंड अकाउंट” में जमा की जाती है और ऋण चुकाने पर समायोजित होती है।
विशिष्ट ऋण योजनाएं
- मुद्रा ऋण: मुद्रा ऋण सीधे तौर पर बकरी पालन के लिए उपलब्ध नहीं है, क्योंकि यह कृषि से संबंधित है। हालांकि, नाबार्ड और अन्य कृषि ऋण योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है।
- नाबार्ड ऋण: नाबार्ड एससी/एसटी और गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए 33% सब्सिडी और अन्यों के लिए 25% (₹2.5 लाख तक) प्रदान करता है। पुनर्भुगतान अवधि 15 वर्ष तक है।
सब्सिडी का उद्देश्य और आवेदन
- सब्सिडी का उद्देश्य: किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, उत्पादन लागत को कम करना, और ग्रामीण रोजगार बढ़ाना।
- सब्सिडी के लिए आवेदन:
- उपलब्ध सब्सिडी योजनाओं पर शोध करें।
- आवश्यक दस्तावेज इकट्ठा करें (पहचान, आय, भूमि स्वामित्व आदि)।
- फॉर्म सावधानीपूर्वक भरें और जमा करें।
- स्थिति पर नजर रखें।
निष्कर्ष
बकरी पालन एक लाभदायक और टिकाऊ व्यवसाय है, जिसे सरकारी योजनाओं और बैंक ऋणों के माध्यम से आसानी से शुरू किया जा सकता है। 2025 में, विभिन्न बैंकों और संस्थानों द्वारा उपलब्ध ऋण और सब्सिडी इस व्यवसाय को और अधिक आकर्षक बनाती हैं। यदि आप बकरी पालन शुरू करना चाहते हैं, तो पात्रता मानदंड, आवश्यक दस्तावेज, और आवेदन प्रक्रिया को समझकर आगे बढ़ें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
बकरी पालन के लिए सबसे अच्छी नस्ल कौन सी है?
जमनापारी, बोअर, बारबरी, बीटल, उस्मानाबादी, मालाबारी।
क्या बकरी पालन के लिए प्रशिक्षण आवश्यक है?
हां, पशुपालन में बुनियादी प्रशिक्षण आवश्यक है।
क्या नाबार्ड से बकरी पालन के लिए ऋण मिल सकता है?
हां, नाबार्ड सब्सिडी और ऋण प्रदान करता है।
क्या बकरी पालन लाभदायक है?
हां, सही प्रबंधन से ₹3 लाख से ₹10 लाख तक की वार्षिक आय संभव है।
बकरी पालन में क्या चुनौतियां हैं?
रोग प्रबंधन, परिवहन, और प्रारंभिक निवेश।
क्या मुद्रा ऋण बकरी पालन के लिए उपलब्ध है?
नहीं, लेकिन नाबार्ड और अन्य योजनाएं उपलब्ध हैं।
बकरी फार्म शुरू करने में कितना खर्च आता है?
लगभग ₹2 लाख।
बकरी फार्म शुरू करने के लिए कितनी बकरियों की आवश्यकता है?
न्यूनतम 2-3।
बकरी पालन ऋण पर ब्याज दर क्या है?
SBI: 7%; अन्य: 9%-12%।
बकरी पालन ऋण कहां से मिलेगा?
SBI, नाबार्ड, Canara Bank, IDBI Bank आदि।





